ऐसे करवाचौथ मनाओ : नवगीत : रावेंद्रकुमार रवि
>> Tuesday, October 26, 2010
ऐसे करवाचौथ मनाओ!
ख़ुशियों का मधुमास बुलाओ,
ऐसे करवाचौथ मनाओ!
मन से मन तक डोर
प्रणय की बाँधो मन से,
उसे भिगोकर अपने
प्रियतम् के सुमिरन से,
सुधियों से परिहास सजाओ,
ऐसे करवाचौथ मनाओ!
यौवन तक खिल-खिलकर
जो आया बचपन से,
पुलिकत झलक-झलककर
जो सुखमय जीवन से,
वह निश्छल विश्वास जगाओ,
ऐसे करवाचौथ मनाओ!
रावेंद्रकुमार रवि
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