जब भी मन करता है : प्रणय कविता : रावेंद्रकुमार रवि
>> Monday, December 5, 2011
जब भी मन करता है
तुम मुझे
अपनी तरफ देखता देखकर
अक्सर अपना मुँह
घुमा लेती हो!
क्या तुम जानती हो
कि मैं भी
चाहता हूँ
कि तुम ऐसा ही करो!
और चाहता हूँ
कि तुम यह कभी न जान पाओ
कि तुम मुझे साइड से
ज़्यादा सुंदर लगती हो!
क्योंकि मेरा दिल
तुम्हारे ख़ूबसूरत कान में सजे
झुमके में बैठकर
झूला झूलने लगता है!
और जब भी
मन करता है
प्यार से महकते हुए
तुम्हारे गालों को चूम लेता है!
रावेंद्रकुमार रवि