tag:blogger.com,1999:blog-2767477476115393900.post9042780272276305248..comments2023-09-16T19:18:57.948+05:30Comments on रवि मन: नए वर्ष की नई सुबह : नई कविता : रावेंद्रकुमार रविरावेंद्रकुमार रविhttp://www.blogger.com/profile/15333328856904291371noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-2767477476115393900.post-30440542195226459592010-12-30T07:21:15.402+05:302010-12-30T07:21:15.402+05:30नए वर्ष की नई सुबह की झलकियों के शब्दचित्र
बहुत स...नए वर्ष की नई सुबह की झलकियों के शब्दचित्र <br />बहुत सुन्दर रचे हैं आपने!<br />--<br />नववर्ष की शुभकामनाएँ!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2767477476115393900.post-61278300304854377152010-12-29T05:25:14.726+05:302010-12-29T05:25:14.726+05:30नया नहीं होकर भी हर दिन नया ही तो है ...
मगर आपकी...नया नहीं होकर भी हर दिन नया ही तो है ...<br /> मगर आपकी कविता में साफगोई अच्छी लगी ...<br />नयी सुबह से रजाई की गर्मी आपको नयी लगी ...वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2767477476115393900.post-70467586212549563712010-12-28T19:52:19.175+05:302010-12-28T19:52:19.175+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति..कुछ भी तो नया नहीं लगता नवव...बहुत सुन्दर प्रस्तुति..कुछ भी तो नया नहीं लगता नववर्ष मेंKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2767477476115393900.post-14392783090015418622010-12-28T16:52:05.260+05:302010-12-28T16:52:05.260+05:30सिर्फ तिथियाँ बदलती हैं...
नया क्या...!!!
सुन्दर र...सिर्फ तिथियाँ बदलती हैं...<br />नया क्या...!!!<br />सुन्दर रचना!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2767477476115393900.post-26850168719314915492010-12-28T11:22:22.174+05:302010-12-28T11:22:22.174+05:30आज ठंड कुछ ज़्यादा ही है ।
मैं बिना नहाए ही
फिर स...आज ठंड कुछ ज़्यादा ही है ।<br />मैं बिना नहाए ही<br />फिर से रजाई में घुस गया हूँ,<br />क्योंकि मुझे<br />नए वर्ष की नई सुबह से अच्छी<br />अपनी पुरानी रजाई लग रही है<br />और निश्चित रूप से<br />यही नई बात भी है ।<br />maza aa gaya ... rajai ke andar hi sukun hai, bahara kya naya kya purana !रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2767477476115393900.post-14310403687566089262010-12-28T11:01:39.983+05:302010-12-28T11:01:39.983+05:30bahut mazedar lagi.bahut mazedar lagi.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2767477476115393900.post-86699242166051628412010-12-28T10:04:38.501+05:302010-12-28T10:04:38.501+05:30सही कहा ..नया कुछ नहीं ..
पुरानी रिजाई ही भा रही...सही कहा ..नया कुछ नहीं ..<br /><br />पुरानी रिजाई ही भा रही थी यही नया अच्छा लगा ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2767477476115393900.post-2937327715131421292010-12-27T20:31:27.476+05:302010-12-27T20:31:27.476+05:30चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना कल म...चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना कल मंगलवार 28 -12 -2010 <br />को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..<br /><br /><br />http://charchamanch.uchcharan.com/संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2767477476115393900.post-27097116963125012012010-12-27T06:07:33.937+05:302010-12-27T06:07:33.937+05:30बहुत ही सुन्दर रचना! वाकई कुछ भी तो नया नहीं लगता....बहुत ही सुन्दर रचना! वाकई कुछ भी तो नया नहीं लगता.रविंद्र "रवी"https://www.blogger.com/profile/10164761650423020012noreply@blogger.com