कविता एक सुरीली : रावेंद्रकुमार रवि का नया शिशुगीत
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*सभी नन्हे साथियों को ढेर-सारा प्यार!*
नए साल में मैं अभी तक
सरस पायस पर कोई रचना नहीं सजा पाया था!
आज अंतरजाल पर विचरण करते समय
मेरी मुलाकात अनुष्का से...
13 years ago
3 टिप्पणियाँ:
बहुत सुन्दर रचना है !
आपको एवं आपके परिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !
बहुत ख़ूबसूरत और लाजवाब रचना लिखा है आपने !
रावेंद्रकुमार रवि जी
इस सादगी पॅ कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा …
क्या कविता लिखी है
मेरे जीवन की वह ख़ुशी,
जिसको पाए बिना मैं
कभी पूरी तरह से ख़ुश नहीं हो सकता,
मुझे क्यों नहीं दे देतीं?
वह तो तुम्हारे पास ही है,
ईश्वर के पास नहीं!
और यहां प्रिय बड़ा हो जाता है परमेश्वर से !
सुंदर छदबद्ध सृजन के साथ आप इतना श्रेष्ठ मुक्तछंद भी लिखते हैं …
बधाई !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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