कविता एक सुरीली : रावेंद्रकुमार रवि का नया शिशुगीत
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*सभी नन्हे साथियों को ढेर-सारा प्यार!*
नए साल में मैं अभी तक
सरस पायस पर कोई रचना नहीं सजा पाया था!
आज अंतरजाल पर विचरण करते समय
मेरी मुलाकात अनुष्का से...
13 years ago
14 टिप्पणियाँ:
भावपूर्ण रचना अभिव्यक्ति ....
एहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब
"बहुत अच्छी कविता, ऊर्जा का तार्किक उपयोग....."
भावपूर्ण रचना के लिए बधाई
बहुत ख़ूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति के साथ आपने उम्दा रचना लिखा है जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
बढ़िया है भाई !
aapne tippanee chodee accha laga iseese aapke blog ka bhee pata chala..............:)
badee sunder bhav kee sunder abhivykti lagee ise rachana me........
मोती टपक रहा है सच्चा,
इसको आँसू नाम न देना!
शबनम की ढलती बून्दों को,
पलकों में विश्राम न देना!!
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जितना सुन्दर सुमन!
उतनी ही सुन्दर रचना!!
बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति!!
आपके लेखन ने इसे जानदार और शानदार बना दिया है....
शब्द, भाव और तस्वीर सुंदर सामंजस्य.
आपकी हिन्दी जबरदस्त है , follower को हिन्दी में "अभ्यागत" कहते है पहली बार पता चला. आपको हिन्दी शब्द सिखाने वाला एक ब्लॉग शुरु करना चाहिए.
पापा आप के फैन बन गए है . सर आपने चर्चा मंच पर मेरे बारे में लिखा , मुझे बहुत खुशी हुई ,आपका स्नेह मुझे मिलता रहे , इसी आशा से धन्यवाद !
प्रिय माधव!
follower को हिंदी में "अभ्यागत" नहीं कहते हैं,
"अभ्यागत" का मतलब है -
मेहमान या अतिथि!
मेरे ब्लॉग्स पर आनेवाले सभी लोग
मेरे लिए अतिथि-जैसे ही होते हैं,
इसलिए ऐसा लिख रखा है!
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हिंदी सीखने-सिखाने के लिए भी
मेरा एक ब्लॉग है -
>हिंदी का शृंगार!
बहुत भावपूर्ण रचना ..अच्छा लगा आपका क्रियान्वन देख कर ..
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