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जो तुम्हारे पास है : प्रणय कविता : रावेंद्रकुमार रवि

>> Sunday, August 29, 2010

जो तुम्हारे पास है


तुम मुझे आज तक
शुभकामनाएँ देती रही हो -
ईश्वर तुम्हें जीवन की हर ख़ुशी दे!

यदि चाहती हो तुम
सचमुच ऐसा,
तो मेरे जीवन की
वह ख़ुशी,
जिसको पाए बिना
मैं कभी
पूरी तरह से
ख़ुश नहीं हो सकता,
मुझे क्यों नहीं दे देतीं?

वह तो तुम्हारे पास ही है,
ईश्वर के पास नहीं!

रावेंद्रकुमार रवि

3 टिप्पणियाँ:

Coral August 29, 2010 at 8:54 PM  

बहुत सुन्दर रचना है !

Urmi September 2, 2010 at 9:14 AM  

आपको एवं आपके परिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !
बहुत ख़ूबसूरत और लाजवाब रचना लिखा है आपने !

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार September 3, 2010 at 6:57 AM  

रावेंद्रकुमार रवि जी

इस सादगी पॅ कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा …
क्या कविता लिखी है

मेरे जीवन की वह ख़ुशी,
जिसको पाए बिना मैं
कभी पूरी तरह से ख़ुश नहीं हो सकता,
मुझे क्यों नहीं दे देतीं?
वह तो तुम्हारे पास ही है,
ईश्वर के पास नहीं!


और यहां प्रिय बड़ा हो जाता है परमेश्वर से !
सुंदर छदबद्ध सृजन के साथ आप इतना श्रेष्ठ मुक्तछंद भी लिखते हैं …
बधाई !

- राजेन्द्र स्वर्णकार

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