लिखना, कैसी हो तुम? : प्रणय कविता : रावेंद्रकुमार रवि
>> Sunday, October 10, 2010
लिखना, कैसी हो तुम?
आशा है यह पत्र पहुँच जाएगा
तुम तक और तुम्हारे मन भाएगा,
पढ़कर इसको ख़ुश होगी ना?
लिखना -
कैसी हो तुम?
अच्छी तो हो ना?
धान के खेत और उनमें लगी बालियाँ
यानि कि वसुधा की धानी चूनर में फूल,
अब मुस्कराने लगे होंगे ना?
लिखना -
कैसी हो तुम?
अच्छी तो हो ना?
धान की बालियों से उठती सुगंध
आकर तुम्हारे पास, चुपके से कुछ
कह जाती तो होगी ना?
लिखना -
कैसी हो तुम?
अच्छी तो हो ना?
गुनगुनाने लगी होगी अब वहाँ की
धूप भी, शीत की अठखेलियों के साथ,
तुम्हें भाती तो होगी ना?
लिखना -
कैसी हो तुम?
अच्छी तो हो ना?
पास बैठकर खिड़की के
चुपचाप गाँव की पगडंडी को
रोज़ देखती तो होगी ना?
लिखना -
कैसी हो तुम?
अच्छी तो हो ना?
पथ निहारने का कारण क्या?
कोई आ जाएगा क्षण में,
यही प्रतीक्षा तो होगी ना?
लिखना -
कैसी हो तुम?
अच्छी तो हो ना?
किसी के लिए, हाथ हिलाकर
दूर जा रहे बदली-दल को
संदेश तो कुछ देती होगी ना?
लिखना -
कैसी हो तुम?
अच्छी तो हो ना?
तुम तक और तुम्हारे मन भाएगा,
पढ़कर इसको ख़ुश होगी ना?
लिखना -
कैसी हो तुम?
अच्छी तो हो ना?
धान के खेत और उनमें लगी बालियाँ
यानि कि वसुधा की धानी चूनर में फूल,
अब मुस्कराने लगे होंगे ना?
लिखना -
कैसी हो तुम?
अच्छी तो हो ना?
धान की बालियों से उठती सुगंध
आकर तुम्हारे पास, चुपके से कुछ
कह जाती तो होगी ना?
लिखना -
कैसी हो तुम?
अच्छी तो हो ना?
गुनगुनाने लगी होगी अब वहाँ की
धूप भी, शीत की अठखेलियों के साथ,
तुम्हें भाती तो होगी ना?
लिखना -
कैसी हो तुम?
अच्छी तो हो ना?
पास बैठकर खिड़की के
चुपचाप गाँव की पगडंडी को
रोज़ देखती तो होगी ना?
लिखना -
कैसी हो तुम?
अच्छी तो हो ना?
पथ निहारने का कारण क्या?
कोई आ जाएगा क्षण में,
यही प्रतीक्षा तो होगी ना?
लिखना -
कैसी हो तुम?
अच्छी तो हो ना?
किसी के लिए, हाथ हिलाकर
दूर जा रहे बदली-दल को
संदेश तो कुछ देती होगी ना?
लिखना -
कैसी हो तुम?
अच्छी तो हो ना?
रावेंद्रकुमार रवि
8 टिप्पणियाँ:
bhavpoorna rachana .........shabda shabda dil me utar gaya ...........ek achchhi rachana ke liye dhanyavaad
बहुत सुंदर रचना, आप सब को नवरात्रो की शुभकामनायें,
बहुत भावभीनी सी रचना ....
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना 12 -10 - 2010 मंगलवार को ली गयी है ...
कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया
http://charchamanch.blogspot.com/
किसी के लिए, हाथ हिलाकर
दूर जा रहे बदली-दल को
संदेश तो कुछ देती होगी ना?
भावयुक्त और सुन्दर रचना ..
बहुत भाव पूर्ण रचना.
कोमल भाव..उम्दा रचना.
ravi ji
bahut hi bhav vibhor kar dene wali prastuti.kahi aapne bhabhi ji ke baare me to apratykchh roop se nahi likh diya.
bahut hi khoobsurat----
poonam
कोमल, मृदुल एवं मसृण भावों से परिपूर्ण सुंदर प्रस्तुति. आभार.
सादर
डोरोथी.
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